कैसे बनते हैं IAS, क्या होता है इसके लिए एग्जाम पैटर्न, यहां जानें
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) देश की सिविल सेवाओं के बीच सबसे प्रतिष्ठित सेवा है। सिविल सेवा में शामिल होना हर युवा का सपना होता है। आइए इसे विस्तार से जानें...

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), देश की सिविल सेवाओं के बीच सबसे प्रतिष्ठित सेवा है। अधिकांश युवाओं का सपना होता है कि वे आईएएस ऑफिसर बनें। ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में भी इस पद को लेकर काफी क्रेज है। लेकिन सही मार्गदर्शन और जानकारी के अभाव में वे यूपीएससी (UPSC) और इसकी परीक्षा पैटर्न को नहीं जान पाते हैं।
हर साल लाखों छात्र IAS/IPS बनने के लिए यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में सम्मिलित होते हैं। लेकिन कुछ छात्र ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं।
आइए Knitter के इस ब्लॉग में यूपीएससी परीक्षा के बारे में आसान भाषा में जानें, जिससे ग्रामीण परिवेश के छात्र भी इस परीक्षा के पैटर्न और सिविल सेवा का महत्व समझ सकें।
इसके अलावा यह भी जानेंगे कि इस परीक्षा को पास करने के बाद कौन सी पोस्ट मिलती है। इसके लिए शैक्षिक योग्यता और एग्जाम पैटर्न को भी इस ब्लॉग में जानेंगे।
आइए सबसे पहले जानते हैं कि यूपीएससी क्या है?
यूपीएससी(संघ लोक सेवा आयोग)
यूपीएससी (Union Public Service Commission) भारत के संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार के अधीन अधिकारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का संचालन करता है। इसका ऑफिस नई दिल्ली में स्थित है।
अब बात करते हैं सिविल सेवा क्या है?
आसान शब्दों में कहें तो सिविल सेवा सरकार की ओर से नागरिक सेवा और स्थायी नौकरशाही है। यह सेवा देश की प्रशासनिक मशीनरी की रीढ़ है। इनका चयन यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के आधार पर होता है। ये अधिकारी सरकारी नीतियों के माध्यम से लोगों की सेवा करते हैं।
आपको बता दें, यही एकमात्र सेवा है जहां व्यक्ति अपनी महत्वाकांक्षा और सामाजिक दायित्वों के बीच संतुलन स्थापित कर पाने में सक्षम होता है।
सिविल सेवा के अंतर्गत कुछ प्रमुख सेवाएं
UPSC प्रतिवर्ष सिविल सेवा परीक्षा (CSE) का आयोजन करता है जिसे हम आईएएस एग्जाम के नाम से जानते हैं। UPSC विभिन्न सेवाओं के लिए लगभग दर्जन भर परीक्षाओं का आयोजन करता है।
इसके अंतर्गत
- भारतीय प्रशासनिक सेवा(IAS)
- भारतीय पुलिस सेवा(IPS)
- भारतीय विदेश सेवा(IFS)
- भारतीय डाक व तार लेखा और वित्त सेवा
- भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा
- भारतीय राजस्व सेवा, सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क सेवा
- भारतीय रक्षा लेखा सेवा
- भारतीय राजस्व सेवा, आयकर
- भारतीय डाक सेवा
- भारतीय रेलवे यातायात सेवा
- भारतीय सूचना सेवा, कनिष्ठ ग्रेड
- सशस्त्र सेना मुख्यालय, सिविल सेवा अनुभाग अधिकारी
- दिल्ली, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप, दमन एवं दादर व नगर हवेली सिविल सेवा
- पांडिचेरी पुलिस सेवा
आदि सेवाएं आती हैं।
सिविल सेवा के लिए परीक्षा पात्रता
शैक्षिक योग्यता
UPSC परीक्षा में आवेदन करने वाले उम्मीदवार के पास किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य है।
आयु सीमा
आईएएस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की आयु 21 से 32 साल के बीच होनी चाहिए। विशेष वर्गों के लिए आयु सीमा में छूट का प्रावधान है।
- ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 3 साल की छूट
- एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5 साल की छूट
- दिव्यांग वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 10 साल की छूट
आइए अब जानते हैं सिविल सेवा के एग्जाम पैटर्न के बारे में।
इस परीक्षा में तीन चरण होते है
- प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)
- मुख्य परीक्षा (Main Exam) और
- साक्षात्कार (Interview/Personality Test)
प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)
प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होते हैं, जो बहुविकल्पीय होते हैं। कुल अंकों का योग 400 होता है। इसमें प्राप्त अंक को अंतिम मेरिट सूची में नहीं जोड़ा जाता है। यह परीक्षा केवल क्वालिफाइंग नेचर की होती है। प्रीलिम्स परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होती है। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक प्राप्त किए गए अंक से काट लिए जाते हैं।
मुख्य परीक्षा (Main Exam)
सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं। यह परीक्षा कुल 1750 अंकों की होती है। मुख्य परीक्षा के सभी पेपर वर्णनात्मक प्रकार(descriptive types) के होते हैं।
आपको बता दें, प्रीलिम्स परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी को ही इस परीक्षा में सम्मिलित होने की इजाज़त दी जाती है।
यह परीक्षा मेरिट की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतिम सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस परीक्षा में विषय के परंपरागत अध्ययन पर अधिक ध्यान दिया जाता है।
साक्षात्कार (Interview)
सिविल सेवा परीक्षा का अंतिम चरण साक्षात्कार (Interview) कहलाता है। इस परीक्षा में इंटरव्यू के लिए कुल 275 अंक निर्धारित किए गए हैं। इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थी का पर्सनालिटी टेस्ट किया जाता है।
गौरतलब है कि मुख्य परीक्षा एवं इंटरव्यू में प्राप्त किए गए अंकों के योग के आधार पर अंतिम रूप से मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। मेरिट के अनुसार ही सिविल सेवाओं के पदों का निर्धारण किया जाता है। जैसे- आइएएस, आइपीएस,आइएफएस इत्यादि।
ट्रेनिंग
चयनित आइएएस उम्मीदवारों को एक साल की ट्रेनिंग के लिए पहले उत्तराखंड के मसूरी और आईपीएस ट्रेनी को हैदराबाद भेजा जाता है। इसी प्रकार अन्य सेवाओं के लिए भी ट्रेनिंग दी जाती है। सफल ट्रेनिंग के बाद प्रशिक्षुओं को नियमित तैनाती दे दी जाती है।
सैलरी और सुविधाएं
एक आईएएस अधिकारी की सैलरी 7वें वेतन आयोग के अनुसार 54000 से 1,50,000 तक होती हैं। जैसे-जैसे उनका प्रमोशन होता है वैसे-वैसे सैलरी भी बढ़ती रहती है।
इन अधिकारियों को मुफ्त सरकारी आवास, गाड़ी-ड्राइवर, सुरक्षा, पर्सनल सेक्रेटरी, चपरासी आदि की सुविधाएं दी जाती है।
इसके अलावा इन अधिकारियों को पीएफ, ग्रेच्युटी, हेल्थ केयर सेवाएं और कई अन्य लाभ भी दिए जाते हैं।
प्रमोशन
सबसे पहले IAS/IPS अधिकारियों को जिला लेवल पर प्रशिक्षु के तौर पर तैनात किया जाता है। दो साल बाद उन्हें जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के तौर पर तैनाती दी जाती है। उसके बाद राज्य सचिवालय में नौकरशाहों के रूप में पदोन्नत किया जाता है। ये अधिकारी प्रमोट होकर मुख्य सचिव, डीजीपी तक बन सकते हैं।
हमें उम्मीद है कि आपको हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। इस ब्लॉग में हमने सिविल सेवा की पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। यदि आप भी आईएएस-आईपीएस बनना चाहते हैं, तो आपको जरूर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए।