ऑर्गेनिक गुड़ का बिज़नेस पहनाएगा आपको तरक्की का ताज
रोज़गार और आजीविका के साधनों की तलाश के बीच ऑर्गेनिक गुड़ (Organic Jaggery) का बिज़नेस एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आइए, इस बिज़नेस को करीब से समझें।

“कुछ मीठा हो जाए?”... एक प्रतिष्ठित चॉकलेट बनाने वाली कंपनी के विज्ञापन में उपयोग की गई ये लाइन हम भारतीयों के दिल के बेहद करीब है। इसकी वजह भी है क्योंकि हम भारतीयों का मिठास से एक गहरा नाता है। हम मीठा बोलते हैं, मीठा व्यवहार करते हैं और लोगों के जीवन में गुड़ सी मिठास घोलते हैं। ‘गुड़’ से याद आया कि इन दिनों ऑर्गेनिक गुड़ (Organic Jaggery) काफी चर्चा में है। क्या आपने इस बारे में सुना है? अगर नहीं सुना है, तो आज Knitter की ज़ुबानी ऑर्गेनिक गुड़ की कहानी भी सुन लीजिए।
आज ‘बिज़नेस और रोज़गार’ की हमारी श्रृंखला में हम आपको ऑर्गेनिक गुड़ (Organic Jaggery) के बिज़नेस के बारे में ही बताएंगे। हम बताएंगे कि आप कैसे इस बिज़नेस को शुरू कर सकते हैं और अपने जीवन को उद्यमिता के पथ पर आगे बढ़ा सकते हैं। तो चलिए, ब्लॉग को आगे बढ़ाते हैं। लेकिन इस बीच ये भी जान लेते हैं कि आपको यहां क्या-क्या जानकारियां दी जाएंगी….
- ऑर्गेनिक गुड़ का बिज़नेस क्या है?
- इसमें स्कोप क्या है?
- लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या है?
- ऑर्गेनिक गुड़ में खास क्या है?
- ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन कैसे लिए जा सकते हैं?
- इस बिज़नेस में लागत कितनी आएगी?
- मुनाफा कितना होगा?
- लोन और सब्सिडी का क्या प्रावधान है?
- एक्सपर्ट की क्या राय है?
ऑर्गेनिक गुड़ के बिज़नेस पर एक नज़र:
इस बिज़नेस में ऑर्गेनिक तरीके से गुड़ का उत्पादन कर बाज़ार में बेचा जाता है। ज़्यादातर लोग खुद ही ऑर्गेनिक गुड़ का उत्पादन करते हैं। वहीं, कई लोग ऐसे होते हैं, जो ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन प्राप्त किसानों से गुड़ खरीदकर बाज़ार में बेचते हैं। आप अपनी इच्छा अनुसार इनमें से कोई भी तरीका अपनाकर ये बिज़नेस कर सकते हैं।
ऑर्गेनिक गुड़ क्या है?
ऑर्गेनिक गुड़ सामान्य गुड़ से थोड़ा अलग होता है। अलग ऐसे कि गुड़ बनाने के लिए जिस गन्ने का इस्तेमाल किया जाता है, वह ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जाता है। मतलब, खेतों में किसी भी प्रकार के रासायनिक फर्टिलाइज़र या कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। इसकी बजाय बायो-फर्टिलाइज़र्स का उपयोग किया जाता है, ताकि केमिकल मुक्त उत्पाद हासिल किए जा सकें। इसके अलावा आपके खेतों को ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन की भी ज़रूरत होती है, जिससे आपके उत्पाद के ऑर्गेनिक होने की पुष्टि होती है।
ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन:
देश में कई सरकारी व निजी एजेंसियां हैं, जो आपके खेतों और उत्पादों को ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन प्रदान करती हैं। हालांकि इसके लिए आपको इन एजेंसियों द्वारा तय किए गए मानकों पर खरा उतरना होता है। यदि ऑर्गेनिक गुड़ की बात की जाए, तो इसे बनाने के लिए रॉ मटेरियल के तौर पर गन्ने का उपयोग किया जाता है। लिहाज़ा गुड़ के ऑर्गेनिक होने के लिए आपके खेतों के गन्नों का ऑर्गेनिक होना ज़रूरी है। आपको बता दें कि गन्ने के उन्हीं खेतों को ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन मिलता है जिनमें लगातार तीन वर्षों तक ऑर्गेनिक यानी जैविक तरीके से खेती की गई हो। लिहाज़ा ऑर्गेनिक सर्टिफिकेट पाने के लिए आपका जैविक खेती करना सबसे बड़ी अनिवार्यता है।
ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन देने वाली एजेंसियां:
सरकारी एजेंसियां:
- कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA)
- नेशनल सेंटर फॉर ऑर्गेनिक फार्मिंग (NCOF)
निजी एजेंसियां:
- कंट्रोल यूनियन सर्टिफिकेशन्स
- इकोसर्ट
- इंडोसर्ट
- वनसर्ट जैसी 20 से भी अधिक एजेंसियां हैं
ऐसे मिलता है सर्टिफिकेशन:
आप दो तरीके से ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन हासिल कर सकते हैं। पहला व्यक्तिगत आधार पर और दूसरा सामूहिक आधार पर। व्यक्तिगत आधार पर 1 से 25 किसानों को सर्टिफिकेशन मिलता है। वहीं जब 25 से 2500 तक की संख्या में किसान आवेदन करते हैं, तो उन्हें सामूहिक सर्टिफिकेशन दिया जाता है।
स्कोप:
- ऑर्गेनिक उत्पादों की बढ़ती मांग
- कम निवेश में ज़्यादा मुनाफा
- मज़बूत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार
- चीनी से लोगों की बढ़ती दूरी
लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन:
हर बिज़नेस की तरह आपको गुड़ के बिज़नेस के लिए भी लाइसेंस चाहिए होगा। सबसे पहले आपको ट्रेड लाइसेंस की ज़रूरत पड़ेगी। आप नगर निगम, नगर पंचायत या ग्राम पंचायत जैसे स्थानीय निकायों में इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा आपको MSME रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यदि आप बड़े स्तर पर इस बिज़नेस को करना चाहते हैं, तो FSSAI और ISO सर्टिफिकेशन भी ज़रूरी होगा।
गुड़ का एक्सपोर्ट:
यदि आप अपने उत्पाद विदेशों में बेचना चाहते हैं, तो आपको विशेष अनुमति की आवश्यकता पड़ेगी। एक्सपोर्ट के लिए आपको विदेश व्यापार महानिदेशायल (DGFT) से अनुमति चाहिए होगी। इसके अतिरिक्त आपको IEC कोड भी जनरेट कराना पड़ेगा। यह एक तरह का आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है, जो एक्सपोर्ट के लिए अनिवार्य है।
मशीनरी:
गन्ने का रस निकालने वाली मशीन की मदद से आप अपना बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। हालांकि प्रोडक्शन को ध्यान में रखते हुए आपको मशीनों पर तकरीबन 3 से 4 लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। यदि आप बहुत बड़े पैमाने पर गुड़ उत्पादन करना चाहते हैं, तो आप 50 लाख तक की मशीनरी के बारे में भी सोच सकते हैं।
गुड़ बनाने की विधि:
गुड़ बनाने की विधि आसान है मगर इसमें काफी समय भी लगता है। सबसे पहले गन्ने का रस निकाला जाता है। उसके बाद उसे एक बड़े बर्तन में उबाला जाता है। आप चाहें, तो एक से ज़्यादा बर्तन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। जैसे-जैसे गन्ने का रस उबलता जाता है, उसमें मौजूद इम्प्यूरिटीज़ यानी कि गंदगी सतह पर आ जाती है, जिसे आपको बाहर निकालना होता है। अंत में गन्ने के रस से सारा पानी भाप बनकर उड़ जाता है और गुड़ तैयार हो जाता है।
लागत:
यदि आप छोटे स्तर पर इस काम को शुरू करते हैं, तो इसमें 50 हज़ार से 1 लाख रुपये तक की लागत आएगी। लेकिन यदि आप मशीनरी आदि के साथ एक अच्छी प्रसंस्करण इकाई लगाकर इस बिज़नेस को शुरू करना चाहते हैं, तो आपको करीब 10 लाख रुपये इन्वेस्ट करने होंगे।
मुनाफा:
इस बिज़नेस में 40 से 50 प्रतिशत तक का मुनाफा आसानी से कमाया जा सकता है। यदि आप प्रीमियम रेंज में अच्छी पैकेजिंग आदि के साथ अपने ब्रांड को ले जाते हैं, तो मुनाफे की गुंजाइश और अधिक हो सकती है।
लोन और सब्सिडी:
नए बिज़नेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जाती हैं। आप ज़िला उद्योग कार्यालय से संपर्क कर इस संबंध में अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं। आप चाहें, तो लोन के लिए अपने नज़दीकी बैंक में आवेदन कर सकते हैं। यदि आप सरकार की किसी योजना के क्राइटेरिया में फिट बैठते हैं, तो आपको सब्सिडी का लाभ भी मिल जाता है। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता (Entrepreneurship) को प्रोत्साहित करने के लिए खादी ग्रामोद्योग के तहत भी योजनाएं संचालित की जाती हैं। आप इनका लाभ भी ले सकते हैं।
प्रशिक्षण:
चयनित एजेंसियों के माध्यम से सरकार आपको बिज़नेस पर प्रशिक्षण प्रदान करती है। करीब 8 दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में आपको बिज़नेस से जुड़ी सारी बारीकियां बताई जाती हैं। इसके अतिरिक्त आपके पास भारतीय गन्ना अनुसंधान केंद्र जैसा विकल्प भी है, जहां से आप इस बिज़नेस पर प्रशिक्षण हासिल कर सकते हैं।
हमें उम्मीद है कि आपको Knitter का यह ब्लॉग पसंद आया होगा। Knitter पर आपको बिज़नेस के अलावा कृषि एवं मशीनीकरण, एजुकेशन और करियर, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे। आप इनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
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लेखक- कुंदन भूत