बेटी के विवाह में मध्यप्रदेश सरकार देगी 51 हजार की मदद, जानिए कैसे
कन्या विवाह योजना के तहत मध्यप्रदेश सरकार द्वारा निर्धन परिवारों की बेटियों का सामूहिक विवाह कराया जाता है तथा उन्हें आर्थिक मदद भी दी जाती है।

जरूरतमंद व गरीब परिवारों को हमेशा अपनी बेटियों के विवाह में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या के समाधान के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत सामूहिक विवाह करवाये जाते हैं और लाभार्थी को 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत लड़की (जिसका विवाह होना है) के बैंक खाते में गृहस्थी बसाने के लिए 48,000 रुपये जमा करवाये जाते हैं। वहीं, सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करवाने के लिए स्थानीय प्रशासन (पंचायत, नगरीय निकाय आदि) को 3,000 रुपये प्रति कन्या के हिसाब से दिए जाते हैं। इस तरह लाभार्थी को कुल 51,000 रुपये की मदद मिलती है।
हम अक्सर देखते हैं कि निर्धन परिवार हमेशा बेटियों की शादियों को लेकर चिंतित रहते हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार की कन्या विवाह/निकाह योजना से जरूरतमंद परिवारों को एक सहारा मिल सकता है। इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि आप इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं।
क्या है मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना?
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के नाम से 2006 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य गरीब व जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की शादी में आर्थिक सहायता प्रदान करना है। 2015 में इसका नाम बदलकर मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना किया गया।
कौन ले सकता है योजना का लाभ ?
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की पात्रता के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी
- लड़की मध्यप्रदेश की स्थाई निवासी होनी चाहिए
- लड़की का परिवार आयकर की सीमा में ना आता हो
- शादी कर रही लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए
- कन्या अधिकृत निकाय के अंतर्गत हो रहे सामूहिक विवाह कार्यक्रम में ही शादी कर रही हो, यानि उसका नाम समग्र विवाह पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो
- आदिवासी इलाकों में प्रचलित जनजातीय पद्धति से सामूहिक विवाह करने पर भी लड़की को योजना का लाभ मिलेगा
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया
- प्रशासन द्वारा साल भर होने वाले सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रमों की तिथियां निर्धारित की जाती हैं और इन्हें समग्र विवाह पोर्टल (http://mpvivahportal.nic.in/) पर प्रदर्शित किया जाता है।
- आवेदकों को विवाह कार्यक्रम से कम से कम 3 दिन पहले स्थानीय प्रशासन (जिसके द्वारा सामूहिक विवाह करवाया जा रहा है) के पास अपना आवेदन पत्र जमा कराना होगा।
- आवेदन के समय आवेदिका की समग्र आईडी, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, बचत खाता नंबर, आईएफएससी कोड, पासपोर्ट साइज फोटो व आयु प्रमाण पत्र जमा कराना होगा।
- वर की समग्र आईडी, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और आयु प्रमाण पत्र भी जमा कराना होगा।
- स्थानीय प्रशासन को विवाह की तिथि से पहले सभी आवेदकों का पंजीकरण पोर्टल पर करना होगा।
- सामूहिक विवाह हो जाने के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा 7 दिनों के अंदर सभी आवेदकों का सत्यापन (Verification) किया जाएगा।
- सत्यापन के बाद योजना के सभी पात्र आवेदकों के विवाह/निकाह प्रमाण पत्र समग्र पोर्टल पर फोटो सहित जनरेट हो जाएंगे।
- इसके बाद आवेदक को (स्थानीय प्रशासन के हस्ताक्षर और ओटीपी सत्यापन के बाद) अपना प्रमाण पत्र जिले के संयुक्त/उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण को ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से भेजना होगा।
- पत्र मिलने के 7 दिनों के अंदर विभाग द्वारा आवेदक के खाते में 48,000 रुपये सहायता राशि भेज दी जाएगी। वहीं स्थानीय प्रशासन को भी विभाग द्वारा प्रति पात्र 3,000 रुपये जारी कर दिए जाएंगे।
इस योजना से अब तक मध्यप्रदेश के लाखों जरूरतमंद परिवार अपनी बेटियों का घर बसा चुके हैं। सरकार द्वारा ऐसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जो जरूरतमंदों के लिए लाभकारी हो सकती हैं, बशर्ते इन योजनाओं की सही जानकारी आप तक पहुंचे। निटर पर आप ऐसी और भी कई अन्य लाभकारी योजनाओं की सही जानकारी ले सकते हैं।