कृषि विज्ञान केंद्र : किसानों की प्रगति में सहायक
कृषि विज्ञान केंद्रों पर वैज्ञानिक तरीके से खेती की ट्रेनिंग दी जाती है। ये केंद्र किसानों को स्वावलंबी बनाने में सहायता करते हैं। आइए विस्तार से जानें…

खेती-बाड़ी करने वाले किसानों और कृषि से संबंधित रोजगार में शामिल लोगों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र ज्ञान के भंडार हैं। साधारण शब्दों में कहें तो कृषि विज्ञान केंद्र किसानों की हर समस्या का समाधान है।
लेकिन जानकारी के अभाव में किसान इन केंद्रों से मिलने वाले लाभ को नहीं ले पाते हैं।
किसानों को खेती की नवीनतम जानकारी के साथ-साथ प्रशिक्षण की सुविधा मिले, इसी को ध्यान में रखकर हमारे देश में जिला स्तर पर कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई है।
Knitter के इस ब्लॉग में हम कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के बारे में आसान भाषा में बताएंगे, जिससे आप इन केंद्रों पर मिलने वाली सुविधाओं का लाभ ले सकें।
तो आइए सबसे पहले जानते हैं, कृषि विज्ञान केंद्र क्या है?
कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) भारत में कृषि आधारित ऐसे विस्तार केंद्र है, जिनका काम किसानों को खेती की नई-नई जानकारियों से परिचित कराना है।
आपको बता दें, आमतौर पर कृषि विज्ञान केंद्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और कृषि विश्वविद्यालयों (Agriculture Universities) के साथ जुड़े होते हैं।
आसान भाषा में कहें तो कृषि विज्ञान केंद्र किसानों के लिए प्रशिक्षण, कृषि उत्पादन बढ़ाने की नई तकनीक और कृषि व्यवसाय के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करते हैं।
कृषि विज्ञान केंद्रों के कार्य
- ग्रामीणों को व्यावसायिक ट्रेनिंग देना
- किसानों को खेती की सही सलाह देना
- कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए नई तकनीक विकसित करना
- किसानों को खेतों पर ही प्रशिक्षण देना
- कृषि प्रदर्शनी, सामूहिक चर्चा आदि का आयोजन करना
- कृषि क्षेत्र के ज्ञान-विज्ञान को किसानों तक निःशुल्क पहुंचाना
कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका
कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को नई तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित और साथ ही प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
आपको बता दें, इन प्रशिक्षण (Training) कार्यक्रमों में स्थानीय फसलों की खेती, पौध संरक्षण, पशुओं का आहार और देखभाल, मुर्गी पालन, फसल पोषण, जैविक खेती, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि उत्पादों का विपणन (Marketing) मछली पकड़ना और बाजार में बेचना आदि विषय सम्मिलित हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को परम्परागत खेती के साथ वैज्ञानिक खेती की जानकारी भी देते हैं, जिससे किसानों की खेती से संबंधित क्षेत्रीय समस्या का समाधान होता है।
आइए अब जानें, कृषि विज्ञान केंद्रों से किसानों को लाभ कैसे मिलता है।
कृषि विज्ञान केंद्रों से किसानों को होने वाले लाभ
- मिट्टी एवं पानी की जांच की सुविधा
- स्वरोजगार के लिए मुर्गी पालन, बकरी पालन, डेयरी और मछली पालन का प्रशिक्षण
- महिलाओं को सशक्त करने के लिए गृह विज्ञान से संबंधित प्रशिक्षण,
जैसे- सिलाई-बुनाई, अचार और पापड़ बनाने के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
- किसानों की समस्याओं का समाधान उनके खेतों पर ही करने की सुविधा
- किसान मेला, गोष्ठी, सेमिनार, कृषि प्रदर्शनी, आदि द्वारा किसानों को नवीनतम तकनीक की जानकारी देने की सुविधा।
कृषि विज्ञान केंद्र से संबंधित रोचक तथ्य
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कृषि विज्ञान केंद्रों से कैसे करें संपर्क
आप कृषि विज्ञान केंद्र की अधिकारिक वेबसाइट https://kvk.icar.gov.in/ पर जाकर ज्यादा जानकारी ले सकते हैं।
आपको बता दें, सरकार का लक्ष्य देश के सभी जिलों में कम से कम एक कृषि विज्ञान केंद्र बनाने का है। वर्ष (2017-18) तक भारत में कृषि विज्ञान केंद्रों की संख्या 690 हो गई थी।
कृषि विज्ञान केंद्रों की सफलता और जिले की भौगोलिक विविधता एवं विस्तार को देखते हुए एक जिले में दो कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जा रही है।
यदि आप भी एक किसान हैं और खेती की जानकारी नि:शुल्क लेना चाहते हैं तो अपने जिले के नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।
संक्षेप में कहें तो कृषि विज्ञान केंद्र किसानों के लिए ज्ञान का केन्द्र है जिसमें किसान खेत पर परीक्षण और अन्य कृषि विस्तार गतिविधियों के माध्यम से आधुनिक तकनीकों की जानकारी प्राप्त करता है।
आशा करते हैं कृषि विज्ञान केंद्र की पूरी जानकारी आपको Knitter के इस ब्लॉग में मिली होगी।
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