भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद : हर कदम किसानों का हमसफर
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) बागवानी, पशुपालन, मछली पालन और कृषि से संबंधित क्षेत्रों को बढ़ावा देने का काम कर रही है। आइए ICAR के बारे में जानें...

भारत में तकरीबन 150 मिलियन किसान हैं। इन किसानों को नई तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराने में कृषि संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कृषि संस्थान किसानों के लिए वरदान हैं।
इन संस्थानों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का नाम सबसे ऊपर आता है। किसानों के हर कदम पर ICAR का साथ रहा है। ICAR पूरे भारत में बागवानी, मछली व पशुपालन सहित कृषि में अनुसंधान और शिक्षा के प्रसार, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी संस्था है।
तो आइए Knitter के इस ब्लॉग में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के बारे में विस्तार से जानें
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) क्या है?
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) एक स्वायत्तशासी (autonomous) संस्था है, जो केंद्रीय कृषि मंत्रालय के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के तहत काम करती है। देश में कृषि अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देना इसका प्रमुख काम है।
साधारण शब्दों में कहें, तो भारत में कृषि, बागवानी, मछली पालन और पशु विज्ञान जैसे क्षेत्रों में जो भी रिसर्च होते हैं या फिर शिक्षा संबंधी गतिविधियां अंजाम दी जातीं हैं, उनके समन्वय का सारा ज़िम्मा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) पर ही है।
आपको बता दें, पूसा संस्थान के नाम से लोकप्रिय भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापना मूल रूप से पूसा (बिहार) में एक अमेरिकी समाज सेवक मि. हेनरी फिप्स के सहयोग से 1905 में हुई थी। मूल रूप में यह संस्थान 'इम्पीरियल कृषि अनुसंधान संस्थान' (Imperial Agriculture Research Institute) था जिसे 16 जुलाई 1929 'भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान' (Indian Agricultural Research Institute) कर दिया गया। वर्तमान में इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
ICAR के उद्देश्य
- कृषि संबंधी विषयों पर शोध करना
- कृषि की नई तकनीक को बढ़ावा देना
- कृषि क्षेत्रों की समस्याओं पर ध्यान देना
ICAR के प्रमुख कार्य
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद 1929 से लगातार कृषि के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।
जैसे-
- कृषि,पशुपालन, मछली पालन, गृह विज्ञान विषयों में अनुसंधान करना
- कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों को बढ़ावा देना और उनके बारे में किसानों को शिक्षित करना
- कृषि, पशुपालन, मछली पालन शिक्षा, अनुसंधान को बढ़ावा देना
- कृषि और पशु चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना
- कृषि शिक्षा के प्रति युवाओं को आकर्षित करना
- ग्रामीणों के कृषि, पशुपालन आदि विषयों का प्रशिक्षण देना
- कृषि क्षेत्रों की समस्याओं पर ध्यान देना
- संबंधित विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय स्थापित करना और उनके माध्यम से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना
कृषि के विकास में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की भूमिका
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने देश में हरित क्रांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समय-समय पर कृषि क्षेत्र में जो बदलाव हुए हैं, उनमें इसकी अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है। आज़ादी के बाद देश में खाद्यान्न उत्पादन में जो बढ़ोतरी देखी गई है, उसमें भी ICAR का विशेष योगदान रहा है।
आपको बता दें,कृषि क्षेत्र में उच्च शिक्षा में जो बड़े बदलाव देखने को मिले हैं, उसमें भी इसकी ख़ास भूमिका रही है। आज खाद्यान्न उत्पादन करीब 5 से 6 गुना तक बढ़ चुका है। बागवानी के क्षेत्र में 10 गुना से भी ज़्यादा वृद्धि हुई है। मछली पालन में करीब 16.8 गुना तक की बढ़ोतरी देखी गई है।
संक्षेप में कहें तो कृषि क्षेत्र को नई दिशा प्रदान करने में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की बड़ी भूमिका रही है। बीते दशकों में कृषि क्षेत्र में जितने भी बड़े बदलाव हुए हैं, उनमें कहीं न कहीं ICAR का हाथ ज़रूर रहा है। यहां, यह कहना भी गलत नहीं होगा कि ICAR किसी सच्चे मार्गदर्शक की तरह हमें कृषि विकास की राह दिखाई है।
आशा करते हैं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की पूरी जानकारी आपको Knitter के इस ब्लॉग में मिली होगी।
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