गर्भवती महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना को समझिए
गर्भवती महिलाओं को बेहतर पोषण के लिए प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत 5 हज़ार रु. की आर्थिक सहायता दी जाती है। जानें कैसे लें योजना का लाभ।

भारत में महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर हमें ज़्यादा सतर्क होने की ज़रूरत है। गर्भावस्था में महिलाओं को होने वाली बीमारियों की वजह से हर साल हज़ारों महिलाओं की मौत हो जाती है, जिसका मुख्य कारण पोषण की कमी है। आर्थिक हालात खराब होने के चलते गर्भवती महिलाएं भी काम पर जाने के लिए मजबूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं बच्चे को जन्म देने के बाद भी वे जल्द ही काम करने लगती हैं जबकि उनका शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता। इससे उनके स्वास्थ्य पर तो बुरा प्रभाव पड़ता ही है साथ ही उनके नवजातों को भी उचित स्तनपान नहीं मिलता, जिससे वे भी कुपोषित रह जाते हैं।
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana) शुरू की है, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को 5 हजार रु. की आर्थिक सहायता दी जाती है ताकि जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहें और उन्हें उपयुक्त पोषण मिल सके। गर्भवती महिलाओं को इस योजना का लाभ ज़रूर उठाना चाहिए। इस ब्लॉग में आपको योजना से जुड़े सभी पहलुओं की जानकारी आसान भाषा में दी गई है ताकि आप इसका फायदा ले सकें। इस ब्लॉग में आपको इन सवालों के जवाब मिल पाएंगे-
- क्या है प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना?
- योजना का उद्देश्य क्या है?
- किसे मिलेगा योजना का लाभ?
- योजना के तहत क्या-क्या लाभ मिलते हैं?
- आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़ क्या हैं?
- योजना के लिए कैसे करें आवेदन?
- योजना का लाभ मिलने की प्रक्रिया क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
केंद्र सरकार द्वारा जनवरी, 2017 में शुरू की गई इस योजना को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। इसके तहत देश के सभी जिलों में गर्भवती एवं स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना को ज़मीनी स्तर पर लागू करवाने में आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है।
योजना का उद्देश्य
- गर्भवती महिलाओं की आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करना
- गर्भवती महिलाओं का अच्छा स्वास्थ्य एवं पोषण सुनिश्चित करना
- शिशु मृत्यु दर को कम करना
- बच्चों को कुपोषण से बचाना
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
इस योजना के तहत पात्र महिला को तीन किश्तों में कुल 5,000 रुपये मिलते हैं।
योजना की पात्रता और अन्य शर्तें
सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं, बशर्ते-
- महिला की उम्र 19 साल से अधिक हो
- महिला सरकारी नौकरी में कार्यरत न हो
- योजना का लाभ पहली संतान के लिए ही मिलेगा
- गर्भपात या स्टिल बर्थ के मामले में महिला अगली बार केवल बची हुई किश्त ले सकेगी
- सरकारी या प्राइवेट अस्पताल कहीं भी प्रसव करवा सकते हैं
आवेदन के लिए ज़रूरी कागज़ात
- योजना का आवेदन फॉर्म (हर किश्त के लिए अलग)
- MCP कार्ड (जच्चा-बच्चा संरक्षण कार्ड)
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- आवेदक और उसके पति द्वारा हस्ताक्षर किया गया सहमति पत्र
आवेदन की प्रक्रिया
इस योजना का संचालन आंगनवाड़ी केंद्रों और आशा वर्करों द्वारा किया जाता है। इसलिए योजना का लाभ लेने के लिए आप नज़दीकी आंगनवाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र में जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। तीनों किश्तों के लिए आपको तीन चरणों में आवेदन करना होगा।
स्टेप-1
गर्भधारण होने पर नज़दीकी आंगनवाड़ी केंद्र/स्वास्थ्य केंद्र में जाकर MCP कार्ड (जच्चा-बच्चा संरक्षण कार्ड) बनवाएं। पहली किश्त का लाभ लेने के लिए योजना का ‘फार्म1-ए’ को भरें और जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ जमा करवाएं।
स्टेप-2
गर्भधारण होने के छः महीनों के बाद प्रसव से पूर्व जांच अवश्य करवाएं और टीके लगवाएं। इसकी जानकारी MCP कार्ड पर दर्ज की जाएगी। इसके बाद दूसरी किश्त के लिए योजना का ‘फॉर्म-1B’ भरें। इसे MCP कार्ड की फोटोकॉपी और दूसरे डॉक्यूमेंट्स के साथ नज़दीकी आंगनवाड़ी केंद्र/स्वास्थ्य केंद्र में जमा करवाएं।
स्टेप-3
डिलीवरी होने पर बच्चे का रजिस्ट्रेशन कराएं और बच्चे का पहले चरण का टीकाकरण हो जाने के बाद योजना का ‘फॉर्म-1C’ सभी दस्तावेज़ों के साथ नज़दीकी आंगनवाड़ी केंद्र/स्वास्थ्य केंद्र में जमा करवाएं, जिसके बाद आपको योजना की तीसरी किश्त का लाभ मिलेगा।
योजना का लाभ मिलने की प्रक्रिया
आंगनवाड़ी केंद्रों में फॉर्म जमा हो जाने के बाद फॉर्म और वेरिफाइड डॉक्यूमेंट्स महिला एवं बाल विकास विभाग को भेजे जाते हैं। योजना के पात्रों की सभी जानकारियां विभाग द्वारा योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड की जाती हैं। इसके बाद योजना के लाभ की रकम सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
उम्मीद है ब्लॉग में मिली जानकारियों से आप इस योजना का लाभ ले पाएंगे।
✍️लेखक- मोहित वर्मा